नई दिल्ली : टेक वर्ल्ड की दिग्गज कंपनी गूगल का 2,500 इंटर्नल डॉक्यूमेंट्स का एक कलेक्शन हाल ही में ऑनलाइन लीक हो गया। कंपनी ने इस बात की पुष्टि की है कि लीक हुआ डेटा उनका वास्तविक डेटा था। हालांकि कंपनी ने उस डेटा के कंटेंट पर फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी है।
खबरों की मानें, तो लीक डेटा पर सबसे पहले सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन एक्सपर्ट रैंड फिशकिन और माइक किंग की नजर पड़ी थी। उन्होंने इसी हफ्ते डेटा और उनके कंटेंट का प्रारंभिक विश्लेषण प्रकाशित करने का काम किया था।
गूगल का लीक हुआ डेटा सर्च एल्गोरिदम से जुड़ा हुआ है। जो कंटेंट लीक हुआ है, उससे पता चलता है कि गूगल ऐसे डेटा को इकट्ठा करती है और उसका उपयोग करती है। हालांकि कंपनी के अधिकारियों ने इसके बारे में कहा है कि गूगल सर्च में पेजों की रैंकिंग में इनका कोई योगदान नहीं होता है। इस डेटा से यह स्पष्ट नहीं हो पाता है कि डेटा के कौन-से वाले हिस्से को कंपनी सर्च कंटेंट को रैंक करने के लिए इस्तेमाल करती है।
गूगल का सर्च एल्गोरिदम कैसे काम करता है, कंपनी इस बात की जानकारी आमतौर पर गुप्त रखती है। लेकिन लीक हुए डॉक्युमेंट्स ने इस बारे में जानकारी अधिक स्पष्ट कर दी है कि वेबसाइट्स को रैंक करने के मामले में गूगल किन संकेतों के बारे में क्या प्लान कर रही है। कुल मिलाकर, जो डेटा सार्वजनिक हुआ है, उससे एसईओ मार्केटिंग और प्रकाशन जगत में हलचल मच सकती है। बहरहाल, गूगल ने लीक हुए डॉक्युमेंट के कंटेंट पर जानकारी देने से मना कर दिया है।